आठ लाख किसान और पीएमकेएमवाई में पंजीकरण 1700 का, पढ़िए पूरी खबर

आठ लाख किसान और पीएमकेएमवाई में पंजीकरण 1700 का, पढ़िए पूरी खबर
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असल में खेती-बाड़ी के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है और वृद्धावस्था में यह संभव नहीं हो पाता। यह समस्या लघु एवं सीमांत किसानों के लिए और भी बड़ी होती है, क्योंकि उनके पास बुढापे में मामूली बचत होती है। इस योजना में शामिल किसानों को 60 साल की आयु होने पर तीन हजार रुपये की मासिक पेंशन देने की व्यवस्था है। इसमें प्रीमियम भी 50 फीसद केंद्र और इतना ही किसान को देना होता है। 
किसानों के लिए बेहतर योजना होने के बावजूद यह उत्तराखंड में गति नहीं पकड़ पा रही है। स्थिति ये है कि राज्य में सीमांत एवं लघु किसानों की संख्या 807877 होने के बावजूद पीएमकेएमवाई में अभी तक सिर्फ 1688 किसानों का पंजीकरण ही हो पाया है। सूरतेहाल, योजना को लेकर प्रचार-प्रसार और इससे किसानों को जोड़ने के मामले में सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, अब सरकार ने इस योजना को गंभीरता से लेने की ठानी है।
सुबोध उनियाल (कृषि मंत्री, उत्तराखंड सरकार) का कहना है कि पीएमकेएमवाई योजना का ज्यादा से ज्यादा किसान लाभ उठा सकें, इसे देखते हुए अगले माह से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। योजना में अब तक किसानों के कम पंजीकरण के कारणों की पडताल की जाएगी। यदि कहीं कोई दिक्कत है तो उसे दूर कराया जाएगा।


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